Payment modes under GST

GST Payment के तरीकें

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GST में payment  का क्या तरीका हैं, Interest, Penalty, Charges, Late fee का भुगतान किस तरह किया जाता है, Delayed payment पर क्या Interest है,TDS ,TCS के क्या प्रावधान है। इन सभी की इस आर्टिकल में चर्चा की गई हैं।

Tax payment का तरीका

GST portal में 3 तरह के ledger होते है,-

  1. E-Liabilty ledger- Rule 85
  2. E-Credit ledger -Rule 86
  3. E-Cash ledger -Rule 87

E-Liabilty ledger में सभी तरह की देनदारी की एंट्री रहती है। चाहे वह GST हो, या फिर penality जो आप पर लगा हो, fee,charges आदि।

E-Credit ledger में सभी लेनदारी लिखी होती है, जैसें ITC, 

E-Cash ledger जो payment करना है। यह एक wallet तरह का होता है।

E-Cash ledger में आप Netbanking, RTGS, NEFT, IMPS, Credit Card, Debit Card आदि किसी भी तरीके से राशि जमा कर सकते हैं। यदि आप cash जमा करना चाहते है तो आप 10000/-तक ही जमा कर सकते है।

कारोबारी अपने देनदारी का भुगतान करने के लिए E-Credit ledger, E-Cash ledger के बैलेंस का इस्तेमाल कर सकता है।

E-Cash ledger के Balane का इस्तेमाल कारोबारी सभी तरह के देनदारी के भुगतान करने के लिए कर सकता हैं, चाहे वह टैक्स, Late fee, या पेनाल्टी हो। लेकिन ITC को सिर्फ टैक्स के भुगतान के लिए उपयोग किया जा सकता है।

Example-

किसी कारोबारी के लेजर में GST का ₹60000, लेट फी का ₹500 और पेनल्टी का ₹5000 की देनदारी है।

E-Credit ledger में किसी कारोबारी का ITC ₹75000 है तो वह कारोबारी अपने देनदारी का भुगतान के लिए इस ITC को यूज कर सकता है। लेकिन नियम यह है की ITC को सिर्फ टैक्स के भुगतान के लिए यूज किया जा सकता है। पेनल्टी, लेट फी के भुगतान के लिए ITC को नहीं यूज किया जा सकता है।

Interest on Delayed payment @18%p.a.

कारोबारी देनदारी के भुगतान में देर करता है तो उसे 18% p.a. की दर से फाइन लगता है।

लेकिन यह fine Gross liability में नहीं लगता है बल्कि Net liability में लगता है। इसका मतलब यह दिया है कि यदि आप की देनदारी ₹100 और आपकी लेनधारी ₹20 हैं (ITCइत्यादि के रूप में)  तो ₹80 पर ही ब्याज लगता है ना कि पूरे ₹100 पर।

यह ब्याज जिस दिन तक देनदारी की भुगतान करनी थी के दूसरे दिन से लगने लगता है।

TDS 

Specified/Notified Recipient द्वारा यदि 2.5 लाख से ज्यादा payment किया जाता है, तो payment से 2%TDS काटना होता है।

2% में 1%CGST का और 1% SGST का होता है।

अब ये Specified/Notified Recipient क्या होते है

 Act के अनुसार 

  1. केंद्र या राज्य सरकार का कोई विभाग
  2. लोकल अथॉरिटी
  3. राज्य विधायिका या संसद द्वारा पारित कानून द्वारा स्थापित कोई प्राधिकरण, बोर्ड या अन्य निकाय
  4. सरकार द्वारा स्थापित कोई प्राधिकरण, बोर्ड या अन्य निकाय जिसमें उसे 51% या उससे अधिक वोटिंग का अधिकार हो।
  5. कोई सोसाइटी जो सोसाइटी एक्ट के तहत स्थापित किया गया हो।
  6. PSU और
  7. अन्य जो अधिसूचित किया जाए।

GSTR 7 में अगले महीने की 10 तारीख तक file करना होता है।

 Exception

  1. रक्षा मंत्रालय
  2. PSU से PSU आपस में लेनदेन
  3. Specified/Notified Recipient आपस में लेनदेन

TCS

 Electric Commerce operator सभी लेनदेन में 1% TCS collect करेंगे।

 1% में 0.5% CGST का और 0.5% SGST का होता है।

 GSTR 8 में अगले महीने की 10 तारीख तक return file करेंगे।

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यह लेख विषय की जानकारी देने के लिए लिखी गई है। यह विधिक सलाह नहीं है। कृपया कोई निर्णय लेने से पहले अपने विधिक सलाहकार से संपर्क करें।

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