Rent agreement in hindi

Rent Agreement: साइन करें जरा संभल कर!

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आपने कभी न कभी किराये पर कोई प्रॉपर्टी,मकान या दुकान लिया होगा, और आपने  Rent agreement पर साइन किया होगा। आपने यह भी देखा होगा कि कई बार मकान मालिक और आप के बीच कुछ बातों को लेकर मतभेद हो जाते होंगे। जैसें- आपको मकान मालिक अचानक किराया बढ़ाने के लिए कहे, या मकान खाली करने को कह दें। इसी तरह यदि आप मकान मालिक है, तो भी आपको अपने किरायदार से परेशानी हो सकती है। जैसें-किरायदार मकान में कुछ गैर कानूनी गतिविधि शुरू कर दें या आपकी संपत्ति को नुकसान पहुचाएं। इन सभी समस्यों को आप एक अच्छा Rent agreement बनाकर दूर कर सकते है।

Rent agreement क्या है?

मान लेते है राम को मकान किराये पर देना है और श्याम को मकान किराये पर लेना है।

अब कुछ शब्दों को समझ लेते है-

Lessee या tenant जो प्रॉपर्टी किराये पर लेता है। इस केस में श्याम।

Lessor या owner जो प्रॉपर्टी किराये पर देता है। इस केस में राम।

अब राम और श्याम के बीच एक पेपर तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी शर्तो और बातों को लिखा जाता है, जो दोनों के बीच तय हुआ है। इसे ही Rent agreement कहा जाता है।NOTE:किराया से संबंधित सभी बातें Rent control act से निर्धारित होती है। इसके साथ ही सभी राज्यों का अपना रेंट कंट्रोल एक्ट भी होता है। Rent control act 1972 जब किराया 3500 से अधिक हो तो लागू होता है।

किराये पर प्रॉपर्टी लेने और Rent agreement साइन करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:-

  1. समस्याओं से बचने के लिए सबसे पहले आप मकान किराये पर लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें-जिनसें आप प्रॉपर्टी ले रहें है,वह प्रॉपर्टी कानूनी रूप से उसी की हो। सेल डीड से इसे मिला लें।
  2. या फिर जिनसें आप प्रॉपर्टी ले रहे है उस प्रॉपर्टी के मालिक ने उसे किराये पर देने के लिए उसे अधिकृत किया हो, जैसे पावर ऑफ अटॉर्नी देकर।
  3. जिस घर को आप रहने के लिए किराये पर लें रहे हैं, उसे ठीक से देख लेना चाहिए। 
  4. अगर कुछ कमी है तो उस बारे में मकान मालिक को बताना चाहिए। मकान में रहना शुरू करने से पहले उसे  ठीक करा लेना चाहिए।  
  5. यदि आप प्रॉपर्टी किराये पर दे रहे है तो आपको tenant के बारे में छान-बीन करनी चाहिए। बहुत से राज्यों में यह अनिवार्य है। जैसें-police verification 
  6. आपको tenant से जरूरी दस्तावेज़ जैसें-पहचान पत्र, स्थाई पता का प्रमाण औए दो पासपोर्ट साइज फ़ोटो लेना चाहिए।
  7. आपको मकान में मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं जैसें-बिजली,पानी के बिल, जिम,पार्किंग,क्लब आदि और उसके बदले भुगतान के बारे में पता कर लेना  चाहिए।
  8. ध्यान रखें कि जो भी चार्ज आप चुका रहे हैं उसके बारे में एग्रीमेंट में लिखा है। 
  9. यह भी सुनिश्चित कर लें कि अगर कोई दुर्घटना होती है तो उस स्थिति में घर को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
  10.  Rent agreement को ध्यान से पढ़ें।
  11. पालतू जानवर रखने या मांसाहार खाने, सोसाइटी में देर से आने जाने पर रोक से  संबंधी बातें भी मालिक से क्लियर कर लेनी चाहिए। 
  12. आप यदि 12 माह से अधिक के लिए Rent agreement साइन कर रहें है, तो आप अनिवार्य रूप से इसे रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर इसे रजिस्ट्री करायें।
  13. आमतौर पर सालाना किराया 10% बढ़ जाता है। आप सहमत हो सकते हैं या अन्य कोई डील कर सकते हैं।
  14. आपको मकान मालिक से किराये का रिसिप्ट लेनी चाहिए। रिसिप्ट में तिथि,राशि स्पष्ट लिखा होना चाहिए। टैक्स कटौती का लाभ पाने के लिए यह ज़रूरी है।
  15.  एग्रीमेंट में किराया देर से चुकाने पर कोई पेनल्टी तो नहीं है। 

Rent agreement में क्या लिखें-

आपको एक संतुलित Rent agreement बनाना चाहिए। आप खुद इसे बना सकते हैं या किसी अच्छे वकील की मदद लें सकते हैं।

अब हम समझते है कि Rent agreement बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:-

Agreement में नीचे दिये बातों को स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए-

Agreement की तिथि 

आप करार होने की तिथि स्पष्ट रूप से लिखें।

नाम और पता

Owner/lessor और tenant/lessee का नाम, पता, पिता का नाम,स्थाई पता ,मोबाइल न०,email. स्पष्ट लिखना चाहिए। 

प्रॉपर्टी का विवरण 

  1. Agreement में सबसे पहले यह स्पष्ट किया जाता है कि owner प्रॉपर्टी का वैध मालिक है या फिर जो agreement कर रहा है वह owner की तरफ से Rent agreement करने के लिए अधिकृत हैं। जैसें पावर ऑफ अटॉर्नी के द्वारा।
  2. प्रॉपर्टी कहाँ स्थित है, उसका क्षेत्रफल, कमरे, खिड़की दरवाजें बालकनी, बाथरूम किचन कितने है।
  3. वॉर्डरोब, पंखे, पर्दे, बल्ब की संख्या, सभी तरह के इलेक्ट्रिक फिटिंग, सेनेटरी फिटिंग, सेफ्टी, कार पार्किंग और अन्य फिटिंग की स्थिति।

Rent किस लिए दे रहें है?

आपको यह भी स्पष्ट लिखना चाहिए कि आप प्रॉपर्टी रहने के लिए दें रहें है या फिर व्यवसाय करने के लिए।

किराये और अन्य भुगतान

Rent agreement में स्पष्ट कर देना चाहिए कि-

  1. किराये का भुगतान किस तरीके से किया जाएगा। भुगतान नकद, चेक या नेटबैंकिंग से दिया जाएगा।
  2. भुगतान हर माह दिया जाएगा या अग्रिम दिया जाएगा।
  3. कितना किराये का भुगतान किया जाएगा।
  4. किस दिन किराये का भुगतान किया जाएगा। जैसें-माह के पहले सप्ताह की 7वी तारीख तक।
  5. किराये के अंदर मेंटेनेन्स चार्ज शामिल है या नहीं। 
  6. उपयोग के आधार पर बिजली बिल,गैस, टेलीफोन बिल का भुगतान अलग से किया जाएगा।
  7. किरायदार कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेगा, जिससे बिजली गैस, टेलीफोन की सेवा बंद हो।
  8. किरायदार प्रॉपर्टी का मेंटेनेन्स चार्ज, अपार्टमेंट एसोसिएशन या मैनेजमेंट कंपनी को देगा।
  9. किरायदार प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य बकाये का भुगतान संबंधित अथॉरिटी को करेगा।
  10. Delay penalty कितना लगेगा। 
  11. Rent agreement में इस बात का साफ़ उल्लेख होना चाहिए कि किस तरह के नुकसान की जिम्मेदारी किस पर है। 
  12.  मरम्मत का खर्च कौन करेगा।आप करेंगे तो वह किराये में कट जायेगा या मकान मालिक उसे आपको री-इम्बर्स करेगा।

इन सभी बातों को स्पष्ट लिखना चाहिए। 

Security Deposit या सुरक्षित राशि

यह interest free रकम होती है जो किरायेदार मकान मालिक को देता है। जब एग्रीमेंट समाप्त होता है, तो यह राशि किरायेदार को वापस कर दी जाती है।

हर शहर में यह अलग अलग होता है। सामान्यतः यह दो माह के किराये के बराबर होता है।

  • Security deposit से किराया या अन्य बकाये को नहीं काटा जा सकता है, इसे लिखना आवश्यक है।

Rent agreement की शुरुआत, अवधि, और समाप्ति

Rent agreement में स्पष्ट कर देना चाहिए-

  • Rent agreement कितने दिन के लिए की जा रही है, और यह कब से कब तक रहेगा। 
  • यह एग्रीमेंट आगे भी बढ़ाया जा सकता है। किन शर्तो में इसे भी स्पष्ट लिखना चाहिए। जैसे- आपसी सहमति से 10% किराये वृद्धि के साथ।
  • Rent agreement साइन होने के बाद कब प्रॉपर्टी में कब्जा दिया जाएगा।
  • यदि किरायदार लगातार किराये का भुगतान नहीं करता है या अन्य शर्तो को भंग करता है तो एग्रीमेंट समाप्त हो सकती है। इसे भी लिखना चाहिए।

नोटिस और लॉक इन पीरियड

लॉक इन पीरियड आजकल Rent agreement में लिखा जाने लगा है। इसमें किरायदार से करार किया जाता है कि वह एक निश्चित समय जैसें 6 माह से पहले मकान खाली नहीं करेगा। यदि वह लॉक इन पीरियड से पहले खाली करता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा। यह जुर्माना सिक्योरिटी डिपाजिट की जब्ती भी हो सकती है।

Rent agreement में स्पष्ट कर देना चाहिए-

  • लॉक इन पीरियड के बाद मकान मालिक और किरायदार दोनों कितने समय (जैसें-1 माह या 2 ) के नोटिस के बाद एग्रीमेंट से बाहर आ सकते है।
  • नोटिस किस तरह से दी जाएगी। रजिस्टर्ड डाक से या email से।
  • एग्रीमेंट में किराये का करार रद्द होने की शर्त भी लिखी होती है। 

 प्रॉपर्टी और उसका उपयोग

Rent agreement में स्पष्ट कर देना चाहिए-

  • प्रॉपर्टी किस उपयोग के लिए दिया जा रहा है।
  • प्रॉपर्टी या इसके किसी भाग को किराये पर नहीं लगा सकते है।
  • प्रॉपर्टी में कोई बदलाव नहीं कर सकते।
  • पड़ोसियों और उनकी प्रॉपर्टी को क्षति नहीं करेंगे।

प्रॉपर्टी की स्थिति और मेंटेनेंस

Rent agreementमें स्पष्ट कर देना चाहिए-

  • किरायदार जिस स्थिति में प्रॉपर्टी लिया है, उसी स्थिति में प्रॉपर्टी वापस करेगा।
  • साधारण मरामती किरायदार करेगा।
  • कोई बड़ी मरम्मती जैसें-छत से पानी चुना- की मरम्मती मकान मालिक करेगा।
  • किरायदार की लापरवाही से कोई नुकसान की भरपाई किरायदार को करना होगा।
  • किरायदार मकान या प्रॉपर्टी को अच्छी तरह से रखेगा।
  • किरायदार मकान मालिक को या उसके प्रतिनिधि को पूर्व सूचना पर मकान में निरीक्षण के लिए या फिर साफ सफाई, मरम्मती के लिए आने देगा।
  • घर के रेगुलर मेंटेनेंस और पेंट वगैरह की जिम्मेदारी किसकी है। यह एग्रीमेंट में साफ़-साफ़ लिखा होना चाहिए।

प्रॉपर्टी को वापस करना

 Rent agreement में स्पष्ट कर देना चाहिए-

  • किरायदार एग्रीमेंट समाप्त होने पर मकान को खाली करके शांतिपूर्ण अच्छे स्थिति में वापस करेगा।
  • सिक्योरिटी डिपाजिट,सभी बकाये को समायोजित करके वापस करना होगा।
  • यदि किरायदार  समय से प्रॉपर्टी को खाली नहीं करता है,तो ऐसे में किरायदार को नुकसान की भरपाई कितनी करनी होगी।
  • विवाद की स्थिति में किस कोर्ट का क्षेत्राधिकार रहेगा।

एक बार घर में शिफ्ट हो जाने के बाद इस पर कोई विवाद न हो, इसलिए पहले से इन सभी बातों को स्पष्ट करें। 

अब, आप Rent agreement बनाने के बाद आप दोनों इसपर दो गवाहों के साथ हस्ताक्षर करें।

हमेशा पूछे जाने वाले प्रश्न

Rent agreement कौन बनाता है?

आप स्वयं या किसी वकील से बनवा सकते हैं।

करार समाप्त होने के बाद मैं कितने दिनों तक रह सकता हूँ?

आप को एक महीने का नोटिस मिलता है। इस वक़्त में आप नया निवास या ऑफिस, अपने जरुरत अनुसार ढूंढ सकते हैं।

Rent agreement में कितने का stamp paper लगता हैं?

यह कम से कम 100 या 200 ₹ के स्टाम्प पेपर में प्रिंट किया हुआ होना चाहिए।

स्टाम्प ड्यूटी  सालाना deposit और rent का 1% या फिर 500 ₹ जो कम हो,हो सकता है।

क्या Rental agreement के लिए गवाहों की आवश्यकता होती है?

हाँ, दो गवाहों की,

क्या Rent agreement and Lease agreement एक होते हैं? 

 नहीं, 

Rent agreement 11 माह के लिए क्यों बनाया जाता है?

ताकि स्टाम्प ड्यूटी और अन्य खर्चो से बचा जा सके।

रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के अनुसार किसी भी लीज का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है,यदि लीज 12 माह से अधिक के लिए किया जा रहा हो।

और यदि एग्रीमेंट रजिस्टर्ड किया जाना है तो stamp duty और रजिस्ट्रेशन फीस देना होगा। 

जैसें- दिल्ली में पांच साल के लीज के लिए स्टाम्प पेपर पूरे 5 साल के वार्षिक औसत किराये का 2% और 100₹ अतिरिक्त फीस।

पांच साल से दस साल के लीज के लिए 

स्टाम्प पेपर पूरे सालों के वार्षिक औसत किराये का 3%।

10 से 20 सालों के लीज के लिए 

स्टाम्प पेपर पूरे  सालों के वार्षिक औसत किराये का 6%। साथ में एक मुश्त 1100 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से।

जैसें-

यदि प्रोपेर्टी 24 माह के लिए दी गई है। 20000 पहले 12 माह के लिए और 22000 दूसरे 12 माह के लिए।

इसके रजिस्ट्रेशन का खर्च:- 2% कुल वार्षिक औसत किराये के बराबर स्टाम्प पेपर

20000+22000=42000÷2=21000 औसत वार्षिक किराया

अब इससे औसत वार्षिक किराया निकलते है, जो है-21000×12= 252000

अब, 252000×2%=5040

इसके बाद इसपर रजिस्ट्रेशन शुल्क की एक मुश्त राशि 100₹ और 1100₹ के साथ ये खर्च 5040+100+1100= 6240₹ हो जाती हैं।

इसमें वकील और अन्य पेपरवर्क का खर्च अलग से लगता है।

अतः ऊपर दिए खचों से बचने के लिए मालिक और किरायदार आपस में समझौता करके एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं कराते हैं।

Rent agreement रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है?

मकान मालिक और किरायदार के बीच विवाद होने पर कोर्ट विधिवत रजिस्टर्ड Rent agreement को ही मान्यता देगी। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि Rent agreement को रजिस्टर्ड करा लेना चाहिए।

 

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