sale deed

Sale Deed: स्वामित्व हस्तांतरण का सबसे बढ़िया तरीका

स्वामित्व का हस्तांतरण का सबसे बढ़िया तरीका है, विक्रय पत्र या sale deed बनाकर  संपत्ति का हस्तांतरण करना।

 

क्या होता है sale deed?

जब भी आप किसी सम्पति -जमीन, मकान ,दुकान, फ्लैट आदि- को खरीदना या बेचना चाहते है तो यह deed आपको बनानी होगी। 

यह deed सम्पति के हस्तांतरण का रिकॉर्ड होता है, कि सम्पति का स्वामित्व का विक्रेता से क्रेता को हस्तांतरण हुआ।

सम्पति खरीदते समय सावधानियां जो जरूरी है

संपत्ति खरीदते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

यदि आप कोई संपत्ति को खरीदना चाहते हैं  तो  संपत्ति खरीदने से पूर्व आपको कुछ सावधानियां  बरतनी चाहिए और कुछ आवश्यक जानकारी जरूर रखनी चाहिए।

जब भी आप संपत्ति खरीदें  तो आप उस संपत्ति के बारे में  पिछले 30 से 40 वर्षों का लेन देन का इतिहास देखें। सम्पति में विक्रेता का Clear title होना चाहिए।

कई मामलों में ऐसे होते है कि संपत्ति में कोई न कोई इनकंब्रेंस यानी कोई बकाया, या किसी वारिस का दावा , होम लोन, सरकार को कोई बकाया टैक्स इत्यादि होता है,जिसके कारण बाद में आपको परेशानी हो सकती है।

सभी बातों से संतुष्ट होने के बाद आप विश्लेषण करें –

  • आप  संपत्ति की कीमत के बारे में  विक्रेता से  बात करें और जहां आप उचित समझे वहां पर अपना डील फाइनल करें।
  • जब डील फाइनल हो जाए तो एग्रीमेंट ऑफ सेल बनता है।  
  • एग्रीमेंट ऑफ सेल सेल डीड नहीं होता है।  सामान्यता चलन में इसमें आप संपत्ति के मूल्य का 10% देकर  करार करते हैं।
  •  एग्रीमेंट ऑफ सेल में  संपत्ति के हस्तांतरण के विषय में  टर्म और कंडीशन लिखी होती है जैसे- पूरा पैसा कब चुकाया जाएगा,किस माध्यम से चुकाया जाएगा, यदि parties डिफॉल्टर हो जाये तो उस समय की स्थिति के संबंध में टर्म एंड कंडीशन लिखा होता है। 
  • जब सारी राशि दे दी जाती है  तो सेल डीड बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है।
  • सेल डीड इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। आप चाहें तो इसे किसी अच्छे जानकार वकील से बनवाएं।
  • इसके बाद आप सब-रजिस्ट्रार के पास इसका रजिस्ट्रेशन करायें।
  • रजिस्ट्रेशन के बाद आप सम्पति का use कर सकते है। अब आप इसको moregage, lease, या फिर sell भी कर सकते है।
  • आपको चाहिए कि आप यह देखें की संपत्ति में स्वामित्व को लेकर कोई भी समस्या नहीं है।
  • आप यह भी देखें कि कोई ambiguities यानी कोई condition sale deed में न हो। 

जो sale deed में लिखना चाहिए:-

  • Sale deed को non-legal stamp paper में लिखना चाहिये।
  • पहले के किसी मॉडल ड्राफ्ट की कॉपी न कर आपको अपने अनुसार sale deed बनाना चाहिये।
  • Sale deed में सबसे पहले आप पार्टी का डिटेल लिखें जैसे-विक्रेता का नाम, पता ,उम्र, क्रेता का नाम, पता,उम्र ।
  • इसके बाद संपत्ति का विवरण- जैसे संपत्ति कहां स्थित है, उसका मूल्य क्या है, अगर संपत्ति पर कंस्ट्रक्शन है, तो उसका क्या मूल्य है, संपत्ति का रकबा कितना है इत्यादि।
  • पेमेंट किस तरह से की जाएगी, किस तारीख को की जाएगी। जैसे-चेक से या ड्राफ्ट से, नेट बैंकिंग ।
  • यदि कोई advance payment किया जाता है या part payment किया जाता है, तो इसे भी sale deed में लिखना चाहिये।
  • यदि भुगतान किस्तों जैसे monthly या हर तीन या छः माह में किया जाना हो,तो इसे भी deed में लिखना चाहिए।
  • Sale deed बनाने का उद्देश्य होता है,प्रॉपर्टी का स्वामित्व का हस्तांतरण। इसलिए deed में transfer of title या transfer of ownership लिखा होना चाहिए।
  • किस दिन प्रॉपर्टी Handover की जाएगी।
  • सम्पति में कोई encumbrances या lien जैसे – बकाया कर, ऋण, शुल्क नहीं है, इस बात को भी sale deed में लिखना चाहिए। 
  • विवाद की स्थिति में matter को किस तरह solve करना है, इसे भी deed में लिखा जाना चाहिए। जैसे:- mediation या  arbitration से या court में।

रजिस्ट्रेशन कैसे कराया जाता है

संपत्ति जिस जिला में हो या संपत्ति का कोई अंश जिस जिला में हो उस जिला के सब- रजिस्टार के पास जाकर सेल डीड का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

दस्तावेज़ जिन्हें साथ रखना है:-

  • 2 कॉपी में sale deed का ड्राफ्ट 
  • सम्पति से संबंधित नक्शा
  • सम्पति का फोटो
  • प्रॉपर्टी खरीदने वाले और बेचने वाले का  फ़ोटो,आधार कार्ड, पैन कार्ड
  • दोनों गवाहों का आधार कार्ड,पैन कार्ड
  • स्टैंप ड्यूटी के भुगतान से संबंधित रिसिप्ट 
  • कन्वेंस फीस भुगतान के संबंध में रिसिप्ट 
  • रजिस्ट्रेशन फीस भुगतान के संबंध में रिसिप्ट

Step 1.

सबसे पहले आप किसी अच्छे वकील से सेल डीड ड्राफ्ट करा ले।

Step 2.

ड्राफ्ट करने के बाद संपत्ति के मूल्य के अनुसार आपके राज्य में देने वाले स्टैंप ड्यूटी  जमा करें।

Step 3.

सेल डीड में बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों अपना-अपना साइन कर दें। दोनों गवाहों से भी डीड में sign करा लें।

Step 4.

इसके बाद दो गवाहों के साथ आप रजिस्टार के पास जाएं। रजिस्टर के सामने आप सभी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स लेकर जाएंगे।

कोशिश कीजिए कि दोनों गवाह में से एक क्रेता की तरफ से और एक विक्रेता की तरफ से हो।

Note:  जब सेल डीड लिखा दिया जाए और दोनों पार्टी , गवाहों का साइन हो जाए तो इसे 4 माह के अंदर  रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए । 

जब सभी दस्तावेज के साथ आप रजिस्ट्रार  के पास जाते हैं। रजिस्टार यह देखता है कि वह संपत्ति उसके अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत है या नहीं। यानी उसका रजिस्ट्रेशन उसके द्वारा हो सकता है या नहीं। इसके बाद यह देखा जाता है कि आपने स्टाम्प ड्यूटी जमा किया है या नहीं। जांच के बाद रजिस्ट्रार सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन जारी करता है।

सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन जारी करने के बाद ओरिजिनल sale deed खरीददार को दे दिया जाता है और एक कॉपी रजिस्ट्रार अपने पास रखता है।

फी कितनी लगती है

Stamp duty अलग अलग state में अलग होता है। यह प्रॉपर्टी के कीमत का 4 से 10% तक हो सकता है।

Stamp duty का payment आप अपने state में जो तरीका चल रहा हो ,उसके अनुसार भुगतान कर सकते है। जैसे online chalan से, cash या फिर स्टाम्प पेपर खरीदकर।

इसके अलावे आपको conveyance fee और registration fee भी देनी होती है। 

Note:- सामान्यतः प्रोपर्टी खरीदने वाले को ही स्टाम्प ड्यूटी देनी होती है।

हमेशा पूछें जाने वाले प्रश्न

स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज का भुगतान किसे करना होता है?

कानूनन क्रेता को स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज का भुगतान करना होता है। यदि इस संबंध में कोई एग्रीमेंट क्रेता विक्रेता के बीच होता है कि वह इस खर्च को साझा करें तो दोनों आपस में इसे साझा भी कर सकते हैं।

स्टैंप ड्यूटी का भुगतान कितना करना होता है?

भारत में स्टाम्प ड्यूटी हर राज्य में अलग-अलग है। आप किस राज्य में रहते हैं उस राज्य के स्टैंप ड्यूटी के अनुसार आपको संपत्ति के मूल्य का 4 से 10% तक देना हो सकता है। नीचे कुछ राज्यों की में ली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी दी गई है:-

  •  दिल्ली 4%
  •  हैदराबाद4%
  •  चेन्नई7%
  •  पुणे 6%
  • मुंबई6%
  •  कोलकाता6%
  •  अहमदाबाद 4.9%
  • बेंगलुरु5%

क्या सेल डीड रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है? 

हां, रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के अनुसार किसी भी अचल संपत्ति जिसका मूल्य ₹100 से अधिक हो उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी है।

रजिस्ट्रेशन न करने से क्या होगा ?

यदि आप रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं, तो आप सेल डीड को कोर्ट के सामने साक्ष्य के रूप में पेश नहीं कर सकते हैं। यदि कोई विवाद होता है जैसें- संपत्ति के स्वामित्व को लेकर तो सेल डीड को न्यायालय में साक्ष्य के रूप में आप नहीं रख सकते हैं।

क्या सेल डीड को रद्द किया जा सकता है?

एक बार सेल डीड रजिस्टर्ड हो जाने के बाद रद्द नहीं किया जा सकता है, जब तक कि कोर्ट का ऑर्डर न हो।

यदि sale deed खो जाए तो क्या करें?

वैसे sale deed एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, लेकिन यदि फिर भी यह खो जाए तो आप इसकी सूचना (FIR) निकट के पुलिस स्टेशन को दें, साथ ही दैनिक newspaper में भी इसे प्रकाशित करें , फिर भी यदि न मिले तो सब-रजिस्ट्रार के पास इसकी सर्टिफाइड कॉपी के लिए निर्धारित फीस के साथ आवेदन दें। 2-3 सप्ताह में आपके sale deed का सर्टिफाइड कॉपी आपको मिल जाएगा।

 

यह लेख विषय की जानकारी देने के लिए लिखी गई है। यह विधिक सलाह नहीं है। कृपया किसी निर्णय लेने से पहले अपने विधिक सलाहकार से संपर्क करें।

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