18 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति चाहे स्त्री हो या पुरुष वसीयत बना सकता है।
शादीशुदा महिला जिसके पास खुद की कमाई हुई संपत्ति हो, वसीयत बना सकती है।
दिव्यांग व्यक्ति जो सुन नहीं सकता बोल नहीं सकता लेकिन मानसिक स्थिति अच्छी है,वसीयत बना सकता है। अंधा व्यक्ति भी अपनी वसीयत बना सकता है लेकिन वह किसी दूसरे की वसीयत को सत्यापित नहीं कर सकता है। यानी शारीरिक लाचारी के कारण कोई वसीयत बनाने से वंचित नहीं है बस उसे इतना पता होना चाहिए कि वह क्या कर रहा है।
मानसिक रुप से बीमार व्यक्ति जिस समय वह ठीक रहता है, वसीयत बना सकता है।
यानी वसीयत बनाने के लिए आप 18 साल से ऊपर हो, और अच्छी मानसिक स्थिति में हो। इसलिए नशे में जब आप सौ प्रतिशत कंट्रोल में न हो वसीयत नहीं बना सकते हैं।
कैसी सम्पति का वसीयत बना सकते हैं वसीयत खुद के द्वारा अर्जित संपत्ति जिसे आप किसी को दे सकते हैं या निपटान कर सकते हैं या पैतृक संपत्ति जिसमे बंटवारा होकर आपको हिस्सा मिला हो, ऐसी सम्पति का वसीयत बना सकते है।
विवाद होने पर कोर्ट वसीयतकर्त्ता की इच्छा को देखती है कि उनका क्या आशय था ? यदि A के दो बच्चे हैं C और D। A ने C को सारी संपत्ति दे दी और D को मात्र सौ रुपया। इसका मतलब यह है कि A सिर्फ C को संपत्ति देना चाहता था।
कैसे बनाये वसीयत
वसीयत वकील से लिखाया जाए जरुरी नहीं है, स्टांप पेपर में लिखा जाए यह जरुरी नहीं है, कानूनी भाषा में लिखा जाए यह भी जरूरी नहीं है। वसीयत एक सादे कागज में सरल भाषा में जो वसीयतकर्त्ता जानता है लिखता और पढ़ता है, उस भाषा लिपि में लिखा जाना चाहिए। स्टांप पेपर की कोई आवश्यकता नहीं है और इसको रजिस्ट्रर्ड करना भी आवश्यक नहीं है। मान लेते है मुझे अंग्रेजी नहीं आती मुझे हिंदी आती है तो मैं अपना वसीयत हिंदी में और देवनागरी लिपि में लिखूंगा। मैं एक आम आदमी हूं मझे अंग्रेजी नहीं आती, मैं अपने आशय अपनी भावना की अभिव्यक्ति इंग्लिश में कैसे कर सकता हूँ। आजकल आप वेबसाइट से भी वसीयत बना सकते हैं | आपको अपना नाम, पता, सम्पत्ति का विवरण आदि इंट्री करना होगा और एक क्लिक से आपका वसीयत बन जाएगा। लेकिन ऑनलाइन वसीयत कभी नहीं बनाना चाहिए क्योंकि हस्तलिखित वसीयत ही सबसे अच्छा माना जाता हैं, जिसे holographic will कहते हैं। इसलिए मेरी सलाह होगी वसीयत खुद अपने हाथ से अपने सुलेख अपनी भाषा अपनीे लिपि में बनाये। अमेरिका में होलोग्राफिक विल के मामले में गवाहों की भी आवश्यकता नहीं हैं।
वसीयत खुद ही बनाना होता है पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर इसे दूसरे को बनाने के लिए नहीं दिया जा सकता हैं।
वसीयत में तीन बातें जरुरी है :-
पहला- आशय स्पष्ट होना चाहिए मतलब कि आप इस लिखित दस्तावेज के द्वारा अपनी संपत्ति दूसरे को देना चाहते हैं और किस-किस मात्रा में किसे देना चाहते हैं बिल्कुल सरल शब्दों में स्पष्ट कर देना चाहिए।
दूसरा- वसीयत पर अपने दस्तखत या अंगूठे का निशान लगाना चाहिए। यदि आप अंगूठा या दस्तखत नहीं कर सकते (अत्यंत वृद्ध होने के कारण या किसी शारीरिक लाचारी के कारण) तो आपके कहे अनुसार आप के बदले उक्त वसीयत पर कोई दूसरा व्यक्ति दस्तखत कर सकता है।
तीसरा- इस पर कम से कम दो गवाह आपके हस्ताक्षर को सत्यापित करेंगे कि हाँ आप ने उनकी उपस्थिति में इस वसीयत में हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगाया है। दो से अधिक कितने भी हो सकते है। गवाहों द्वारा सत्यापन महत्वपूर्ण हैं क्योंकि गवाह वसीयत में हस्ताक्षर कर वसीयतकर्त्ता के हस्ताक्षर को सत्यापित करते है।
नयी वसीयत बनाते समय जो बातें ध्यान में रखनी चाहिए
पहला- पहले बनाये गये वसीयत (यदि कोई हो) को रद्द कर दे। यह वसीयत के प्रारंभिक अनुच्छेद में ही स्पष्ट होना चाहिए कि आप पूर्व के सभी वसीयत और कोडपत्र को रद्द कर रहे है।
दूसरा- आप पिछले वसीयत के सभी कागजातों को नष्ट कर दे। उन्हें नष्ट कर देना यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य में बहस या भ्रम की कोई संभावना नहीं होगी। इसलिए इसे फाड़कर या जलाकर नष्ट कर देना चाहिए।