वसीयतकर्त्ता की मृत्यु के बाद निष्पादक (Executor) की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि उस पर ही वसीयतकर्त्ता के इच्छा और आकांक्षाओं के अनुसार संपत्ति का बंटवारा निर्भर करता है।
Executor किसे बनायें
व्यवहारिक रूप से आप किसी को भी जो 18 वर्ष से ऊपर के स्त्री या पुरुष हो, निष्पादक के रूप में चुन सकते है।
जो उम्र में आपसे छोटे हो सामान्यतया नजदीक के रिश्तेदारों को निष्पादक बनाया जाता है लेकिन आप किसी को भी निष्पादक बना सकते है, इसके लिए कोई पाबंदी नहीं हैं। आप NRI को भी निष्पादक बना सकते हैं। अधिकतर हमउम्र को निष्पादक बनाया जाता है लेकिन निष्पादक उन्हें बनाएं जो आपसे उम्र में 15 से 20 वर्ष छोटे हो और विश्वासी हो, सक्षम हो, जो प्रोबेट के लिए कोर्ट जा सके या संपत्ति का वसीयत के अनुसार बँटवारा कर सके।
आप किसी लाभार्थी (Beneficiary) को Executor बना सकते हैं ताकि वह रुचि लेकर वसीयत निष्पादित (execute) कर ले। साथ ही इससे निष्पादक की फीस भी बचेगी।
हां ! जरूरी है किसी को निष्पादक बनाने से पहले उससे सहमति ले लेनी चाहिए कि मैं अपने वसीयतनामा में आपको निष्पादक बना रहा हूँ।आप किसी को निष्पादक बनाने के लिए जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते है। इस संबंध में सहमति का कोई लिखित दस्तावेज बना लेना चाहिए।
कई मामलों में निष्पादक को पता नहीं होता है कि कोई वसीयत भी बनाया गया है और उसमें उसे निष्पादक बनाया गया ऐसी स्थिति में निष्पादक को right to refuse है। हां,निष्पादक को यह जानना आवश्यक नहीं है कि वसीयत में क्या है या उसे क्या निष्पादित करना या बाँटना है।
निष्पादक की जिम्मेदारियां वसीयतकर्ता की सारी संपत्तियों और उधारों से संबंधित जानकारी जुटाना उसके सारे ऋणों का भुगतान और अंत में वसीयत के अनुसार वसीयतकर्त्ता की संपत्तियों का वितरण करना निष्पादक का मुख्य काम होता है। प्रोबेट लेने के लिए कोर्ट में अर्जी भी निष्पादक द्वारा ही लगाई जाती है।
निष्पादक ही वसीयतकर्त्ता के निधन के बाद वसीयतकर्त्ता का कानूनी प्रतिनिधि होता है, इसलिए निष्पादक को वसीयत कर्ता की मृत्यु के बाद उसके लिए कुछ दूसरे कार्य भी करने पड़ते हैं, संपत्ति के वितरण के अलावा। जैसे- आयकर रिटर्न भरना, इस आयकर रिटर्न में निष्पादक के ही हस्ताक्षर होते है।
निष्पादक ही अदालत में आवश्यक कागजात दाखिल करता है ताकि वसीयत की वैधता निर्धारित हो सके और कोर्ट प्रोबेट जारी करें। निष्पादक वसीयतकर्त्ता की मृत्यु के बारे में बैंक डाकघर सरकार या अन्य विभाग को सूचित करता है।
मृतक की संपत्ति को बेचने के समय का निर्णय लेना ताकि प्राप्त आय को वसीयत में निर्दिष्ट लोगों को वितरित किया जा सके। अन्य महत्वपूर्ण मामलों को संभालना जैसे कि मृतक की क्रेडिट कार्ड को अक्षम करना और उसकी सभी देनदारियों का भुगतान वसीयत में निर्देशित तरीके से किया जाना।
क्या करें जब वसीयतकर्त्ता के जीवन काल में ही निष्पादक की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे मामलों में नए वसीयत बनाने की आवश्यकता नहीं है कोडपत्र (codicil) बनाकर नए निष्पादक बनाया जा सकता है ।
Executor को क्या मिलता है?
निष्पादक अपने कार्य के लिए फीस ले सकता है। जब किसी को निष्पादक बनाया जाता है तो उसे कुछ वसीयतदान (bequest) भी दिया जा सकता है लेकिन यदि निष्पादक अपने executionship से हट जाता है तो उसे वसीयतदान भी वापस करनी पड़ती है।
क्या एक से अधिक निष्पादक (executor) रखा जा सकता है ?
हाँ, और सलाह दी जाती है कि हमेशा वसीयत में एक से अधिक निष्पादक की व्यवस्था करे। एक मुख्य निष्पादक और एक वैकल्पिक निष्पादक।
इसलिए सही निष्पादक को चुनने से आपकी संपत्ति का त्वरित सटीक वितरण और परिवार में कम से कम मनमुटाव सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
इसलिए बड़े ध्यान से निष्पादक को चुनना चाहिए। इसलिए यह सलाह दी जाती कि ऐसा निष्पादक चुने-
पहला जो आपके परिवार का कोई सदस्य हो और,
दूसरा एक पेशेवर जैसे वकील या चार्टर्ड अकाउंटेंट जो कर और कानूनी मामलों में आपकी सहायता कर सके।