GPF Rule in hindi, what is GPF,
GPF यानी General provident Fund इसे हिंदी में सामान्य भविष्य निधि कहा जाता है। यह PPF यानी public provident fund का ही एक प्रकार है, लेकिन यह सिर्फ सरकारी कर्मियों के लिए ही उपलब्ध है। यह सरकारी कर्मियों के लिए बचत के साथ-साथ निवेश का एक बेहतर माध्यम है। इस article में इसपर विस्तार से चर्चा की गई है।
एक सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक निश्चित राशि (जिसे अंशदान कहा जाता है) का योगदान करके GPF का सदस्य बन सकता है। सरकार इसपर ब्याज देती है। जमा राशि कर्मचारी को सेवानिवृति के समय मिल जाती है। जरूरत पर इससे अग्रिम भी ले सकते है, जिसपर कोई ब्याज नहीं लगता है।
Note:Department of pension and pensioner’s Welfare जो Ministry of Personnel,Public Grievances and Pensions के अंतर्गत आता है, GPF का प्रबंधन करती है।
किन्हें GPF का लाभ मिलता हैं
- सभी स्थाई सरकारी कर्मी, जो भारतीय नागरिक है।
- अस्थाई सरकारी कर्मी जिन्होंने लगातार 1 साल की सेवा पूरा कर लिया हो।
- सेवानिवृत पेंशनर जिन्हें फिर से नियोजित किया गया हो।
- ऐसे संगठन के कर्मी जहां EPF act 1952 लागू होता है।
अंशदान का नियम
- GPF एकाउंट में कर्मी को अंशदान देना होता है।
- यह अंशदान कर्मी के वेतन का 6% से लेकर 100% तक हो सकता है।
- कर्मी को हर माह अंशदान करना होता है। यह अंशदान सेवानिवृत्त के तीन माह पूर्व तक किया जाता है। यानी सेवानिवृति से 3 माह पहले अंशदान लेना बंद कर दिया जाता है।
- यदि कर्मी निलंबित है तो उसे अंशदान नहीं करना होता है।
Nominee बनाना
- GPF में जुड़ने के साथ परिवार के किसी सदस्य को Nominee के रूप नाम देना होता है।
- एक या एक से अधिक सदस्य को अपना Nominee बना सकते है। लेकिन ऐसी स्थिति में उनके बीच, किसे कितना हिस्सा मिलेगा बताना होगा।
- अवयस्क को भी आप Nominee बना सकते है।
- आपको इसके लिए एक फॉर्म भरना होता है।
- यदि कर्मी की मृत्यु हो जाती है, तो GPF में जमा राशि Nominee को दे दी जाती है।
- मृत्यु की स्थिति में GPF में जमा राशि के अतिरिक्त राशि भी दी जाती है। यह राशि उस कर्मी की मृत्यु के ठीक 3 साल के औसत जमा के बराबर होगी, लेकिन यह ₹60000 तक ही हो सकती है।
निकासी का नियम
कर्मी 10 साल की सेवा पूरा करने के बाद GPF से राशि निकाल सकता है। अब,यह भुगतान 15 दिनों के भीतर मिल जाता है।
- शिक्षा, शादी जैसी आवश्यकता में कर्मी अपने GPF एकाउंट से 75% तक की राशि निकाल सकता है, या अपने 12 माह के वेतन के बराबर, जो भी कम हो।
- मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में 90% तक। नए नियम में यह 7 दिनों के अंदर मिल जाता है।
- जमीन खरीदने, मकान बनाने, या फिर मकान ऋण चुकाने,पैतृक आवास की मरम्मती के लिए जमा GPF का 75% निकाला जा सकता है।
- गाड़ी खरीदने, कार लोन चुकाने, गाड़ी की मरामती के लिए भी निकासी की जा सकती है।
- यदि नए गाड़ी खरीदने के लिये राशि निकालनी है, तो यह जमा राशि का 75% या फिर गाड़ी की कीमत का ¾ जो भी कम हो।
- सेवानिवृति से 2 साल पहले बिना कारण बताये 90% तक राशि निकाली जा सकती है।
NOTE: यह आवश्यक है की जिन काम के लिए राशि निकाली गई है ,उसी में राशि खर्च करनी चाहिए।
अग्रिम की निकासी
- GPF खाते में जमा राशि को कर्मी नियमानुसार निकाल भी सकता है। जैसें- शादी, मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा आदि।
- यह अग्रिम 12 महीने के वेतन के बराबर या GPF में जमा राशि का ⅔ तक, दोनों में जो कम हो, हो सकता है। लेकिन विशेष परिस्थितियों प्राधिकार की अनुमति से यह 90% तक निकाला जा सकता है।
- निकली गई अग्रिम की राशि को वापस करना होता है। यह अधिकतम 60 माह के किस्तों में वापस कर देना चाहिए।
- इस अग्रिम में कोई ब्याज नहीं लगता है।
- कर्मी अपनी नौकरी में चाहे तो कितनी बार भी GPF खाते से अग्रिम ले सकता हैं।
- यदि आप अभी पहले लिए हुए अग्रिम का भुगतान कर रहें है, फिर भी आप नए अग्रिम के लिए आवेदन दे सकते है। ऐसे स्थिति में पहले के बकाये अग्रिम को नए अग्रिम के साथ जोड़ दिया जाता है, और मासिक क़िस्त को निकाला जाता है।
ब्याज
समय समय पर सरकार GPF में मिलने वाली ब्याज की घोषणा करती है। अभी यह दर 8% है।
Maturity और GPF से राशि निकालना
- जब कर्मी सेवानिवृत होता है तभी उसका GPF एकाउंट परिपक्व होता है।
- 10 साल की नौकरी पूरा करने या सेवानिवृति के 10 साल पहले इसमें से जो भी पहले हो, कर्मी अपने GPF की राशि निकाल सकता है।
- यदि कर्मी बीच में ही नौकरी छोड़ देता है,तो वह GPF में जमा राशि निकाल सकता है।
- यदि कर्मी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके GPF की राशि उसके नामित व्यक्ति (Nominee) को दे दी जाती है।
Tax का लाभ
- GPF में कोई भी Tax नहीं लगता है। चाहे आप अंशदान करें, अग्रिम लें या फिर परिपक्व निधि वापस पायें।
- इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है।
- लेकिन, Budget 2021 में अब उच्च आय वाले कर्मचारियों के द्वारा भविष्य निधि में दी जाने वाले अंशदान पर अर्जित ‘ब्याज की आय’ पर कर से छूट की सीमा को ₹2.5 लाख वार्षिक अंशदान तक रखा गया है। 1अप्रैल 2021 को या उसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर यह लागू होगा।
यानी यदि अब आपका अंशदान सालाना 2.5 लाख से अधिक होता है, तो इसपर अर्जित आय पर आयकर लगेगा।