Helmet rule in india: क्या चालक और सवारी दोनों को हेलमेट लगाना ज़रूरी है?

भारतीय रोड दुनिया के उन नोटोरियस सड़कों में से एक है जहां पर हर वर्ष डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु और इससे ज्यादा लोग घायल होते हैं। अधिकतर दुर्घटनाएं ख़राब रोड और लोगों में ट्रैफिक सेंस न होने की वजह से भी होती है।

 आप चाहे शहर में हो गांव में हो राष्ट्रीय राजमार्ग में हो कहीं भी हो हमेशा आपको हेलमेट पहनकर ही गाड़ी चलानी चाहिए यह आपका चालान कटने से बचाएगा और आपके सर को भी बचाएगा।साथ ही, आपके साथ अगर कोई सवारी या pillion है उनको भी हेलमेट पहनना है।

कानूनन सभी को हेलमेट लगाना है। चालक (Rider) और सवारी (Pillion) दोनों को।

नए एक्ट की धारा (129) के तहत चार वर्ष से अधिक आयु वाला जो भी शख्स दोपहिया की सवारी कर रहा है, उसके लिए भी हेलमेट अनिवार्य है।

वहीं, धारा (128) के तहत दो पहिया वाहन का चालक अपने अतिरिक्त एक से अधिक व्यक्ति को नहीं ले जाएगा।  

जब आप किसी सार्वजनिक जगह पर मोटरसाइकिल चला रहे हैं तो आपको अपनी सुरक्षा के लिए और कानूनन हेलमेट लगाना ही है।

मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार  जिसकी आयु 4 साल से अधिक है उसे अपने सिर पर ऐसे मानकों के अनुरूप जो केंद्र सरकार  विहित करेगी सुरक्षात्मक सिर के पहनावे (Protective headgear) को पहनना है।

सिर्फ इसका एक अपवाद सिख है और जब वह सार्वजनिक जगह पर मोटरसाइकिल चलाते हैं या सवारी करते हैं और पगड़ी धारण किए हुए हैं, तो उन्हें हेलमेट लगाना जरूरी नहीं है।

केंद्र सरकार 4 साल से छोटे बच्चों के लिए भी उनकी सुरक्षा के लिए उपाय कर सकती है।

motor vehicle act के तहत सुरक्षात्मक सिर के पहनावे यानी Protective headgear से ऐसा कोई हेलमेट है- 

  1. जिससे उसके आकार सामग्री और संरचना के कारण यह आशा की जा सकती है कि वह दुर्घटना की स्थिति में किसी मोटर चालक या उसकी सवारी करने वाले व्यक्ति को शारीरिक क्षति से किसी हद तक सुरक्षा करेगा।
  2. जिसे उसको पहनने वाले व्यक्ति के सिर पर सुरक्षित रूप से सिर के पहनावे में लगे हुए स्टेप्स या अन्य बंधुओं के द्वारा कसकर बांधा जा सकेगा।

 

Punishment 

जो बिना Helmet के motorcycle चलाता है, तो  उसे 2000 रुपए का fine और 3 महीने के लिए driving licence निलंबित होगा। ( sec 194D MV act 1988)

Helmet  कैसा होना चाहिए?

आप खराब गुणवत्ता वाला हेलमेट नहीं पहन सकते हैं

आपका Helmet ISI mark वाला होना ही चाहिए। जो 20-25mm मोटा और जिसमें अच्छी quality का foam हो। साथ ही यह Bureau of indian standard के मानकों के अनुरूप बना हो।

BIS के नये नियम के अनुसार हेलमेट का वजन 1.2 kg से ज्यादा नहीं होना चाहिए अभी तक यह 1.5kg अधिकतम तक हो सकता था।

कभी भी छोटा टोपीनुमा या फर्जी ISI mark वाला हेलमेट नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह आपकी पूरी सुरक्षा नहीं कर सकती है। 

यह भी देखा गया है कि चालक मजबूत हेलमेट पहनते हैं और जो पीछे बैठते हैं, वह नाम के लिए कमजोर हेलमेट पहनते हैं। यह कॉन्बिनेशन भी गलत है, चालक और सवार दोनों को मजबूत हेलमेट पहनना चाहिए।

 

महिलायें भी पहने मजबूत हेलमेट 

अच्छी दिखने के चक्कर में महिलाएं अक्सर कमजोर और छोटा हेलमेट पहनती हैं। इससे उनका पूरा सिर कवर नहीं होता।

छोटे या कमजोर टोपीनुमा हेलमेट पहनने से दुर्घटना में  ब्रेन हेमरेज होने का खतरा रहता है

 

 

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