law on child adoption in india

जाने भारत में ‘बच्चें को गोद’ लेने से जुडे क़ानून के बारे में

इस artical में भारत में बच्चें को गोद लेने यानी adoption of child के बारे में मोटी मोटी जानकारी दी गई हैं।

अमूमन किसी संस्था से बच्चे को गोद लेने के लिए भावी मां-बाप को कई तरह की प्रक्रियाओं से गुज़रना होता है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी गठित की है। ये संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है।
केन्द्र सरकार ने इसके लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी गठित की है। ये संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है।

Role of CARA (central adoption research authority)

सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी को CARA नाम से भी जाना जाता है। यह संस्था नोडल बॉडी की तरह काम करती है। CARA मुख्य रूप से अनाथ, छोड़ दिए गए और आत्म-समर्पण करने वाले बच्चों के adoption के लिए काम करती है।

CARA मुख्य रूप से अनाथ, छोड़ दिए गए और आत्म-समर्पण करने वाले बच्चों के adoption के लिए काम करती है।
बच्चे को गोद लेना एक लंबी क़ानूनी प्रक्रिया ज़रूर है, लेकिन इसमें कहीं भी पैसे के लेन-देन का ज़िक्र नहीं है।

यहां तक कि गोद लेने वाले माता-पिता से नियमानुसार ये भी नहीं कहा जा सकता कि वे बच्चें के नाम पर कोई बॉन्ड लें या इनवेस्टमेंट करें।

क्या है शर्ते

🌿Mentally,Physically, Emotionally, Economically सक्षम होना ज़रूरी है।

🌿 यह बात प्रमाणित होनी चाहिए कि संभावित अभिभावकों को कोई जानलेवा बीमारी न हो।

🌿सम्भावित अभिभावक unsound mind के नहीं होने चाहिए ।

🌿पिछले 3 साल का income देखा जाता हैं।

🌿कोई भी संभावित माता-पिता जिनकी अपनी कोई जैविक संतान हो या न हो, वे बच्चा गोद ले सकते हैं। बशर्ते…
🌿अगर संभावित अभिभावक शादीशुदा हैं तो उन दोनों की आपसी सहमति होना ज़रूरी है।
एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है।
जबकि एक सिंगल पुरुष सिर्फ़ लड़के को ही गोद ले सकता है।
🌿संभावित मां-बाप अगर 2 साल से ज़्यादा वक़्त से शादीशुदा हों, तभी वो बच्चा गोद ले सकते हैं।
🌿बच्चा गोद लेने के लिए मां-बाप की उम्र एक बेहद अहम पहलू है। इसके तहत कम उम्र के बच्चे को गोद लेने के लिए मां-बाप की औसत उम्र कम होनी चाहिए।

🌿पति और पत्नी दोनो के उम्र का जोड़ 90साल से अधिक नहीं होनी चाहिये।

🌿संभावित माता-पिता और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच उम्र का फ़ासला कम से कम 21 साल होना ही चाहिए। और उम्र 50 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

🌿0 से 6 साल के बच्चे को गोद लिया जा सकता है, लेकिन 6 साल से अधिक उम्र के बच्चों को गोद लेने से पहले उसकी सहमति जरुरी है।

🌿 बच्चा चाहे तो अपने Biological parents के बारे में जान सकता है

लेकिन यह नियम उस समय लागू नहीं होता है जब गोद लेने वाले संभावित माता-पिता रिश्तेदार हों या फिर सौतेले हों।
🌿जिन लोगों के पहले से ही तीन या इससे अधिक बच्चे हैं वे लोग बच्चा गोद लेने के लिए योग्य नहीं हैं। लेकिन विशेष स्थिति में वे भी बच्चा गोद ले सकते हैं।

Documents जो जरुरी है

सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के मुताबिक, किसी बच्चे को गोद लेने के लिए सबसे पहले इन 10 कागज़ात का होना ज़रूरी है। इनके बिना प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो सकती।

1) Photograph बच्चे को गोद लेने के इच्छुक परिवार की मौजूदा तस्वीर या फिर उस दंपत्ति और शख़्स की मौजूदा तस्वीर।

2) PAN card जो शख़्स बच्चे को गोद लेना चाह रहा है।
3) Birth certificate जन्म-प्रमाण पत्र या कोई भी ऐसा डॉक्यूमेंट जिससे उस शख़्स की जन्मतिथि प्रमाणित हो।
4) Residential proof निवास प्रमाण पत्र (आधार कार्ड/ वोटर आईडी/ पासपोर्ट/ नवीनतम बिजली का बिल/ टेलीफ़ोन बिल)
5) Income tax की प्रामाणिक कॉपी
6) Medical certificate , Goverment Doctor जिससे इस बात की पुष्टि होती हो कि जो शख़्स बच्चे को गोद लेने जा रहा है, उसे किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। गोद लेने के इच्छुक couple को अपने-अपने मेडिकल सर्टिफ़िकेट जमा कराने होंगे।
7) Marriage registration certificate शादी का प्रमाण पत्र ( अगर शादीशुदा हैं तो)
8) Divorce certificate अगर शख़्स तलाक़शुदा है।
9) Witness गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जुड़े दो लोगों का बयान।
10) Consent अगर इच्छुक व्यक्ति का कोई बच्चा पहले से ही है और उसकी उम्र पांच साल से अधिक है तो उसकी सहमति।
इन कागज़ातों के पूरे होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

बच्चा गोद लेने के लिए online application भी दिया जा सकता है

अगस्त 2015 में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया और नियमों में कुछ संशोधन किए गए और कोशिश की गई कि गोद लेने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जाए।
ये सारी योग्यताएं एक आम भारतीय नागरिक के लिए होती हैं।

लेकिन गोद लेने की प्रक्रिया को कई श्रेणियों में बांटा गया है। मसलन, एनआरआई, इंटर-स्टेट, सौतेले माता-पिता या फिर रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने के लिए अलग-अलग नियम हैं।

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