हमें अपने दस्तावेजों को सत्यापित (attest) करवाने के लिए कभी न कभी Notary public के पास जाना पड़ता है। दस्तवेज़ों के नोटरी से प्रमाणित करवा लेने से उसकी वैधानिक मान्यता बढ़ जाती है। लेकिन यदि सही तरीके से सत्यापित नहीं कराया गया हो तो दस्तावेज असत्यपित ही माना जायेगा। इस article में नोटरी पब्लिक से attest करवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, को बताया गया है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें Notary public को नियुक्त करती है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त नोटरी पब्लिक पूरे देश में कार्य कर सकता है। जबकि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त संबंधित राज्य में ही कार्य कर सकता है।
नोटरी से किन पेपर को अट्रेस्ट करवाया जा सकता है
नोटरी पब्लिक से आप:-
- कोई भी संविदा
- पावर ऑफ अटॉर्नी
- वसीयत
- स्टाम्प पेपर
- या दस्तवेज़ों की मूल कॉपी दिखाकर उसे प्रमाणित करवा सकते है।
- Affidavit तो नोटरी या फिर मजिस्ट्रेट/ ओथ कमिश्नर से सत्यापित(attest) के बिना मान्य भी नहीं होता हैं।
Note: नोटरी पब्लिक सिर्फ स्टाम्प पेपर में लिखे Affidavit को attest कर सकता है। यदि आपका एफिडेविट स्टाम्प पेपर में नहीं है तो आप ओथ कमिश्नर से attest करवा सकते है।
नोटरी पब्लिक से अटेस्ट करवाते समय किन बातों का ध्यान रखें
जब हम नोटरी से अटेस्ट करवाने जाते है तो हम जल्दबाजी में अपने दस्तवेज़ों में नोटरी का हस्ताक्षर और मुहर लगवाकर आ जाते है। यह गलत है।
हर नोटरी के पास एक नोटोरिअल रेजिस्टर होता है। (Notary rule sec 11) आपको चाहिए कि आप देखें की आपके दस्तावेज में नोटरी के हस्ताक्षर और मुहर के बाद उस रेजिस्टर में भी एंट्री हुआ है या नहीं।
साथ ही, नोटरिअल रेजिस्टर में एंट्री का सीरियल नंबर और तारीख आपके दस्तवेज़ों में लिखा गया है या नहीं।
ऐसा क्यों? क्योंकि किसी तरह का विवाद होने पर कोर्ट इस रेजिस्टर को मंगा सकती है। साथ ही नोटरी पब्लिक का बयान भी ले सकती है।
यह भी नियम है कि जिस भाषा में दस्तावेज है उसकी एंट्री नोटरिअल रजिस्टर में उसी भाषा या फिर इंग्लिश या फिर दोनों में होगी।
यह लेख विषय की जानकारी देने के लिए लिखी गई है। यह विधिक सलाह नहीं है। कृपया कोई निर्णय लेने से पहले अपने विधिक सलाहकार से संपर्क करें।
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