जाने वसीयत कितने तरह के होते हैं

गैर विशेषाधिकार प्राप्त वसीयत (Unprivileged will)

आमतौर पर जो वसीयत हमलोग बनाते है वह गैर विशेषाधिकार प्राप्त वसीयत कहलाता है।

विशेषाधिकार प्राप्त वसीयत (privileged will)

सैनिकों को मौखिक वसीयत बनाने का अधिकार दिया गया हैं,जब वे युद्ध के मैदान में हो। यहां युद्ध का मतलब घोषित युद्ध से है। इस तरह मुस्लिम भी मौखिक वसीयत बना सकते हैं।

Mutual will (म्यूच्यूअल वसीयत)

जब दो व्यक्ति एक साथ एक समय में वसीयत बनाते हैं तो इसे म्यूच्यूअल वसीयत कहते हैं। यह अधिकतर पति और पत्नी के बीच होता है जैसे “तुम सारी संपत्ति मुझे दे दो और मैं सारी संपत्ति तुम्हें दे देता हूं।” इस वसीयत को बाद में वापस या बदला नहीं जा सकता।

एक सामान्य वसीयत को कई बार बदला जा सकता है|  लेकिन म्यूच्यूअल वसीयत में यदि दोनों में से एक की मृत्यु हो जाती है तो दूसरा व्यक्ति पूरे संपत्ति का मालिक हो जाता है और अब वह वसीयत की बातों को नहीं बदल सकता। जैसे पत्नी पुनर्विवाह करके वसीयत नही बदल सकती है।

जैसे A के दो बच्चे है। A की पत्नी की मृत्यु हो जाती है और वह दूसरी शादी करता है। दूसरी पत्नी से 2 बच्चे होते हैं और अपनी पत्नी के साथ एक म्यूच्यूअल वसीयत बनाता है “किसी की भी मृत्यु होने पर सारी संपत्ति चारों बच्चों को बराबर बराबर मिलेगी।” अब A के मृत्यु के बाद A की पत्नी वसीयत नहीं बदल सकती है।

समाश्रित वसीयत (Contingent will)

किसी घटना के घटित होने पर कोई वसीयत प्रभाव में आएगा इस तरह की शर्त के साथ बनाया गया वसीयत समाश्रित वसीयत कहलाता है। जैसे मेरीे बहू की पुत्री के जन्म होने पर सारी संपत्ति मेरी पोती को मिलेगी यानी वसीयत तब प्रभाव में आएगा जब मेरी पोती का जन्म होगा। यदि पोती का जन्म नही होता है तो वसीयत प्रभाव में नहीं आएगा।

हस्तलिखित वसीयत (Helographic will )

वसीयतकर्त्ता के खुद के लिखावट में -हैंडराइटिंग- में बनाया गया वसीयत हस्तलिखित वसीयत या होलोग्राफिक विल कहलाता है। यह सबसे अच्छा वसीयत का प्रकार माना जाता है।

 

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